Thursday, January 4, 2018

भाजपा नेता सुरेन्द्रसिंह शेखावत का पत्र न्यास अध्यक्ष महावीर रांका के नाम

बीते सप्ताह 27 दिसम्बर को घड़सीसर क्षेत्र में नगर विकास न्यास ने अपनी चालीस बीघा भूमि अतिक्रमणकारियों से मुक्त करवाई। ठिठुराती सर्दी के इस मौसम में संवेदनहीन तरीके से की गई कार्रवाई को अगले ही दिन 'विनायक' ने अपने सम्पादकीय में सभी आयामों से उठाया। लगभग इन्हीं आपत्तियों के साथ भाजपा के युवा नेता सुरेन्द्रसिंह शेखावत ने एक पत्र नगर विकास न्यास अध्यक्ष महावीर रांका को लिखा।
इस पत्र को सार्वजनिक भी किया गया। किसी के नाराज होने के भय तथा चापलूसी-दौर के चलते इस तरह के विमर्श की गुंजाइश आजकल की राजनीति में लगभग गायब हो गयी है। ऐसे में यह पत्र कइयों को उदबुदा लगा। पूरे पत्र में ना कहीं अनुशासनहीनता की शब्दावली है और ना ही ऊंचा-नीचा दिखाने का कोई भाव। एक लोकतांत्रिक व्यवस्था में ना केवल इस तरह के विमर्श की गुंजाइश होनी चाहिए बल्कि शेखावत जैसे संजीदा नेताओं से प्रेरणा लेकर दूसरों को भी अपनी असहमति पर खुलकर मुखर होना चाहिए। ऐसे विमर्श लोकतंत्र की जड़ों के लिए खाद-पानी का काम करते हैं। स्वस्थ आलोचना से बचकर हम अपने परिक्षेत्र को लगातार अस्वच्छ ही बना रहे होते हैं।
दीपचन्द सांखला

04 जनवरी, 2018

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