Friday, April 28, 2017

मुअम्मर गद्दाफी ( 21 अक्टूबर, 2011)

मुअम्मरगद्दाफी
अप्रैल, 1979 में जब अफ्रीकी देश युगांडा के तानाशाह ईदी अमीन के कुशासन के 8 साल का अंत हुआ तब हिन्दी की एक अच्छी पत्रिकाधर्मयुग पाठकों में बहुत लोकप्रिय थी। हिन्दी के प्रसिद्ध साहित्यकार धर्मवीर भारती तब इसके संपादक हुआ करते थे। ईदी अमीन के पतन के बाद धर्मयुग में कवर स्टोरी लगी, जिसका शीर्षक थाअब कौड़ी के तीन, दादा ईदी अमीन। यह शीर्षक आज 32 साल बाद भी उसी तरह की घटनाओं पर याद आये बिना नहीं रहता।
ईदी अमीन के 8 साल के कुशासन के जैसा ही लगभग कर्नल गद्दाफी का 42 साल का शासन रहा है। इस तरह के शासनों को व्यक्ति भुला ही देना चाहता होगा। लेकिन कई बार भाषा का जादू ऐसा होता है कि वो भुलाए नहीं भूलती। पत्रकारिता में भीअब कौड़ी के तीन, दादा ईदी अमीन शायद ऐसा ही शीर्षक था।

वर्ष 1 अंक 54, शुक्रवार, 21 अक्टूबर, 2011

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