Saturday, July 23, 2016

अंडरब्रिज नहीं एलिवेटेड रोड ही समाधान

शहर की बड़ी समस्या कोटगेट के पास स्थित दो रेलवे फाटकों में से एक के नीचे अंडरब्रिज के लिए प्रक्रिया फिर शुरू हो गई है।
इस प्रक्रिया में हमें यह भी ध्यान करना चाहिए कि शहर के अन्दरूनी हिस्से की बारिश का लगभग एक चौथाई पानी इसी फाटक से होकर गुजरता है। थोड़ी सी बारिश से ही कोटगेट क्षेत्र में 4-6 इंच पानी की चादर चलने लगती है। अंडरब्रिज बनने के बाद पानी निकासी की मुकम्मल व्यवस्था के लिए वल्लभ गार्डन तक लगभग 3-4 किलोमीटर की पाइप लाइन डालनी होगी। क्या उसे हमेशा मेंटेन रखा जा सकेगा? सूरसागर में बारिश का पानी जाये इस हेतु बनी बाइपास पाइप लाइन ज्यादा बारिश होने पर ही विफल हो जाती है।
अलावा इसके कोटगेट का तल तो पहले ही फाटक से ऊँचा है तो दूसरी ओर फड़ बाजार चौराहा नजदीक है, इस स्थिति में क्या अण्डरब्रिज की सड़क की ढलान ट्रैफिक इंजीनियरिंग के मानको के हिसाब से रह पायेगी। रानी बाजार रेल ओवरब्रिज की ढलान भी मानक से कम है जिसका खमियाजा आये दिन भुगतना होता है।
इसके समाधान के लिए तीन वर्ष पूर्व बनी एलिवेटेड रोड योजना पर समझदारी और उदारतापूर्वक पुनः विचार किया जाना चाहिए। यह शार्दूलसिंह सर्किल से लेकर राजीव गांधी मार्ग तक बननी थी। आमजन का इसके प्रति सकारात्मक रुख होने के बावजूद, जहां से इस एलिवेटेड रोड को गुजरना था वहाँ के व्यापारियों के विरोध के चलते इस योजना को ठण्डे बस्ते में डाल दिया गया।
अगर एलिवेटेड रोड बनती तो जिन ग्राहकों को महात्मा गांधी रोड और स्टेशन रोड पर खरीददारी का या अन्य कोई काम होता वही लोग नीचे से गुजरते। अन्य वे जिन्हें शहर के अन्दरुनी हिस्से में या स्टेशन की ओर या इसकी विपरीत दिशा में जाना होता, वे ही एलिवेटेड रोड से गुजरते।
इस स्थिति में वे ग्राहक जो इन बाजारों की भीड़-भाड़ के चलते यहां आने में संकोच करने लगे हैं, वे सभी ग्राहक एलिवेटेड रोड बन जाने के बाद बेहिचक इन बाजारों में खरीददारी करने सकते हैं। उन्हें एलिवेटेड रोड के नीचे व्यवस्थित पार्किंग की सुविधा भी मिलती। इस स्थिति में यह बाजार ग्राहकी से ज्यादा आबाद होते।
शहर के मौजिज लोगों और व्यापारियों को भविष्य की ट्रैफिक को ध्यान में रखते हुए पुनर्विचार करके ऐसा सम्भव करवाना चाहिए कि अण्डरब्रिज की जगह उसी एलिवेटेड रोड के प्लान की कवायद पुनः शुरू हो।

प्रधानमंत्री ने गुरुवार को लोकसभा में अन्ना से अनशन समाप्त करने की अपील करके एक साफ और संवेदनशील मुखिया होने का परिचय दिया वहीं प्रमुख विपक्षी दल के मुखिया ने भी जनलोकपाल के प्रति अपनी सकारात्मक अभिव्यक्ति जाहिर की है। इसके चलते संसद में लोकपाल से सम्बन्धित विभिन्न ड्राफ्टों पर आज चर्चा शुरू होनी है। अन्ना के अनशन और भ्रष्टाचार के खिलाफ उनकी मुहिम के चलते गुरुवार को लोकसभा में जो कुछ घटित हुआ वह संसदीय इतिहास में उदाहरण बन गया है। उम्मीद करते हैं अन्ना आज किसी वक्त किसी मासूम से मौसम्मी का रस पी लेंगे।
वर्ष 1, अंक 6, शुक्रवार, 26 अगस्त, 2011


No comments: