जो सबसे गरीब और कमजोर आदमी तुमने देखा हो, उसकी शकल याद करो और अपने दिल से पूछो की जो कदम उठाने का तुम विचार कर रहे हो, वह उस आदमी के लिए कितना उपयोगी होगा। क्या उससे उसे कुछ लाभ पहुंचेगा? क्या उससे वह अपने ही जीवन और भाग्य पर कुछ काबू रख सकेगा? यानी क्या उससे उन करोड़ों लोगों को स्वराज्य मिल सकेगा जिनके पेट भूखे हैं और आत्मा अतृप्त है?
--महात्मा गांधी
नायक, गुरु, धमाचार्य, अन्यत्र ले जाने वाला, गरुड, मार्गप्रदर्शक, शिव, गणेश, वाहक--ये वे कुछ अर्थ हैं विनायक शब्द के जो हिन्दी के भाषाविज्ञों ने अपने विभिन्न शब्दकोशों में दिये हैं। लेकिन इनमें से विनायक ने अर्थ के रूप में ‘वाहक’ को ही विनम्रतापूर्वक स्वीकार किया और मुख्यतः अपना मक़सद तय किया है। ‘आमजन’ के लिए नितान्त जरूरी सूचनाओं का वाहक।
यह अखबार ‘आम’ का अर्थ उनसे लेगा जिनकी आय का कोई निश्चित साधन नहीं है या जिन्हें जीवनयापन की न्यूनतम जरूरतों को हासिल करने के लिए न केवल भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है बल्कि जरूरी सूचनाओं के अभाव में दिन-प्रतिदिन एक से अधिक बार छल और धोखे का शिकार भी होना पड़ता है।
विनायक का यह प्रयास रहेगा कि आमजन को ताजे समाचारों से रू-बरू करवाने के साथ-साथ सभी प्रकार की जरूरी सूचनाओं-जानकारियों और अधिकारों के बारे में विभिन्न तरीकों से और उचित समय पर और बार-बार अवगत करवाता रहे। अखबार की यह कोशिश रहेगी कि इसके समाचारों का क्षेत्र स्थानीय रहे--हालांकि देश-प्रदेश और दुनिया के वे सब जरूरी समाचार जिनका सम्बन्ध एक आम और जागरूक नागरिक से होना चाहिए--सार रूप में प्रकाशित करेगा।
अलावा इसके देश-प्रदेश की राजधानी और दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में होने वाली घटनाओं को विभिन्न कॉलम्स में आप तक पहुंचाने की कोशिश करेगा। राजनीति की कूटनीतिक खबरें भी विशेष अन्दाज में देने की जुगत होगी।
सीमित संसाधन और न्यूनतम साधनों के चलते अपने शुरुआती समय में विनायक का क्षेत्र बीकानेर शहर ही रहेगा लेकिन कोशिश होगी कि जितना जल्दी हो सके, इसका विस्तार जिले की सभी तहसीलों-ब्लॉकों तक हो। भाषा को लेकर हमारा आग्रह इतना ही रहेगा कि लोक में प्रचलित उन सभी शब्दों का प्रयोग निःसंकोच करेंगे जो सहजता से पाठकों को समझ में आते हैं, चाहे वह किसी भी भाषा के हों--हां, शब्दों का प्रयोग गरिमापूर्ण और शुद्धता के साथ करने का प्रयास जरूर रहेगा। खबरों को अनावश्यक विस्तार देने से बचेंगे, पैराग्राफ छोटे-छोटे रखने की कोशिश करेंगे, यह भी चाहेंगे कि भाषा सहज और सरल रहे। शहर के वरिष्ठतम नागरिक और आज भी पूर्ण सक्रिय 95 वर्षीय पं. बंशीधर बिस्सा, वरिष्ठ साहित्यकार भवानीशंकर व्यास विनोद, डॉ. श्रीलाल मोहता, प्रयोगधर्मा रंगकर्मी कैलास भारद्वाज, सजग युवा चन्द्रकुमार, खेलों में कलम चलाने वाले आत्माराम भाटी, मनीष जोशी, कुशल गृहिणियां उषा पटवा, मंजु जैन अपने विभिन्न कॉलम्स के माध्यम से विनायक को समृद्ध करेंगे। विशेष आग्रह पर वरिष्ठ पत्रकार और हमारे संरक्षक शुभू पटवा ने भी समय-समय पर लिखने की हामी भरी है।
वरिष्ठ पत्रकर सन्तोष जैन तथा सिद्धार्थ जोशी सम्पादन में विशेष सहयोगी के रूप में जुड़े हैं। विनायक उन सबका, सांखला प्रिण्टर्स के सहकर्मियों और भविष्य में किसी भी रूप में जुड़ने वालों का आभार स्वीकारता है।
आम युवक-युवतियों और किशोर-किशोरियों से हमारा खास आग्रह रहेगा कि वे विनायक के साथ कम से कम एक पाठकीय रिश्ता नियमित निभायें ताकि हम विनायक की तासीर और मिज़ाज को बदलने का दुस्साहस न कर सकें।
वर्ष 1, अंक 1, बुधवार, 17 अगस्त, 2011
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