Wednesday, November 5, 2014

सरकार की नई योजना पर सक्रिय होना जरूरी

नगरीय विकास मंत्री राजपालसिंह शेखावत के हवाले से राजस्थान पत्रिका में आज एक खबर छपी है जिसमें कहा गया है कि शहरी यातायात को सुगम बनाने के लिए सरकार प्रदेश के छह शहरों के लिए एक योजना पर विचार कर रही है, जिसके अन्तर्गत इन शहरों की उन सड़कों को चिह्नित किया जायेगा, जहां पर यातायात बाधित होता है और इसके समाधान के रूप में व्यावहारिक जरूरत अनुसार अण्डरब्रिज, ओवरब्रिज और ऐलिवेटेड रोड बनाकर यातायात को सुचारु किया जायेगा। शेखावत का मुख्य जोर उन सड़कीय चौराहों के लिए है जहां रेडलाइट के कारण यातायात को बार-बार रोकना पड़ता है।
इस खबर का सन्तोषजनक पहलू यह है कि उल्लेखनीय छह शहरों में एक बीकानेर भी है और यह शहर वैसी समस्या से तो कुछ खास नहीं जूझ रहा जिसे मंत्री ने इंगित किया है लेकिन शहर के तीन रेलवे फाटक अभी भी ऐसे हैं, जिनमें से दो कोटगेट सांखला फाटकों के चलते इनके इर्द-गिर्द का लगभग एक किलोमीटर का सड़कीय यातायात पूरे दिन बाधित रहता है।
रानी बाजार रेल फाटक की समस्या भिन्न है। यद्यपि उच्च न्यायालय ने हाल ही में इसे स्थायी रूप से बन्द करने पर स्थगन दे दिया है। रानी बाजार ओवरब्रिज निर्माण के समय रेलवे और स्थानीय प्रशासन के बीच हुए अनुबन्ध के चलते यह स्थगन कितने दिन चल पायेगा कह नहीं सकते। रानी बाजार फाटक के नीचे पूरी चौड़ाई का अण्डरब्रिज बनाने के लिए प्रशासन यदि तैयार है तो क्षेत्र के प्रभावितों को सक्रिय हो लेना चाहिए और क्षेत्र की विधायक सिद्धीकुमारी को भी सक्रिय करना चाहिए ताकि सम्भव हो तो इस अण्डरब्रिज को इस नयी योजना में शामिल किया जा सके।
रही बात कोटगेट और सांखला फाटक के इर्द-गिर्द के यातायात समस्या की तो पश्चिम क्षेत्र के विधायक गोपाल जोशी ऐलिवेटेड रोड पर अपनी सकारात्मक मंशा जाहिर कर चुके हैं। सरकार की योजना को बीकानेर के भाग का छींका टूटना मान कर केवल आम-शहरियों को इसके लिए सक्रिय हो जाना चाहिए बल्कि व्यापार मण्डलों को भी इसके लिए पूरी तरह लग जाना चाहिए। विधायक के साथ मिलकर 2007 में बनी ऐलिवेटेड रोड की व्यावहारिक परियोजना को इस नई योजना में शामिल करवाना चाहिए।
पुराने गजनेर रोड के मुख्य डाकघर वाले हिस्से की तरफ के फड़बाजार चौराहे को भी इस योजना में शामिल करवाया जा सकता है। अलावा इसके सुभाष मार्ग को फड़बाजार से जोडऩे, चौखूंटी और नई गजनेर रोड के पुराने फाटकों के बीच नए गजनेर रोड फाटक और लालगढ़ स्टेशन के बीच एक-एक अण्डरब्रिज बनवाया जा सकता है। ऐसे तीन अण्डरब्रिजों के बनने से जहां शहरी यातायात सुगम होगा वहीं शहरी क्षेत्र की रेल दुर्घटनाओं में भी कमी आयेगी।
इस योजना में एक काम और करवाया जा सकता है जो थोड़ा मुश्किल है लेकिन जरूरी भी है। दाऊजी मार्ग के समानान्तर जगमण कुएं से फूलबाई कुएं तक जो टूटवां सड़क चल रही है उसे फड़बाजार तक निर्बाध करवा लिया जाय तो शहरी यातायात पर बड़ा उपकार होगा। इससे दाउजी मार्ग पर यातायात का दबाव लगभग आधा हो जायेगी। यह असम्भव इसलिए नहीं है कि यदि जनप्रतिनिधि विमर्श करके क्षेत्र के लोगों को तैयार कर लें तो यह भी हो सकता है।
शहर की शेष सड़कों की बात करें तो अन्दरूनी शहर में सड़कों को सुधारना लगभग असंभव है। वहां इतना ही कर सकते हैं कि गलियों और संकरी सड़कों पर जो अतिक्रमण पिछले बीस वर्षों में हुए हैं, उन्हें  हटा दिया जाय और चौकसी रख कर नये होने दें। चौकसी का यह काम क्षेत्र के बाशिन्दे ज्यादा अच्छी तरह कर सकते हैं। रही बात शहर के अन्य चौराहों की तो फिलहाल इन चौराहों को राज्य सरकार की इस नयी योजना में शामिल करने की जरूरत नहीं है। महात्मा गांधी रोड पर ऐलिवेटेड रोड यदि बनता है तो उसके आस-पास की एक-एक किलोमीटर की सड़कों का यातायात स्वत: ही सुधर जायेगा।

5 अक्टूबर, 2014

No comments: