Thursday, September 5, 2013

मेलों पर कलक्टर की सक्रियता

जिला कलक्टर ने एक और मसले पर सक्रियता दिखाई है। मेलों के इस भादवे में बदमजगियां और दुर्घटनाएं कम हों इसके लिए उन्होंने विशेष निर्देश दिए हैं। जितनी व्यवस्थाओं और उपायों के निर्देश दिए गये हैं, उन पर आधा भी अमल हो पाया तो परिणाम कम बुरे होंगे। इन उपायों और व्यवस्थाओं को अमली जामा पहनाने वाले अमले के अधिकारी, कर्मचारी और पुलिसकर्मी मेलों के नाम पर रियायत नहीं बरतें तो परिणाम और सकारात्मक हो सकते हैं। लेकिन देखा यही गया है कि इन मेलों में इस तरह के निर्देश इस सरकारी अमले की ऊपर की कमाई का जरिया बन कर रह जाते हैं और कुछ ले-देकर सभी प्रकार की अनियमितताएं बदस्तूर जारी रहती हैं। परिणाम स्वरूप इन मेलों के दौरान ना दुर्घटनाएं कम होती हैं और बदमजगियां आजकल के ये मेले व्याभिचार की बड़ी गुंजाइश भी देने लगे हैं। जिला कलक्टर अपनी अतिव्यस्तताओं में से इन मेलों की व्यक्तिगत निगरानी का अवकाश निकाल पायीं तो ही उनके दिए निर्देशों की आधी-पड़दी पालना होगी। नहीं तो घोड़े और मैदान वही रहेंगे।

5 सितम्बर, 2013

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