Tuesday, September 3, 2013

अपने-अपने बैकुंठ

आसाराम को कल चौदह दिन की न्यायिक हिरासत में जोधपुर जेल भेज दिया गया है। इससे पूर्व जब उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई तब आशंकित आसाराम ने कहा था कि जेल मेरे लिएबैकुंठके समान होगी। हवालात में नींद ने उनसे जल्दी किनारा कर लिया था। बैकुंठ में भी हो सकता है दो चार दिन ऐसी ही स्थिति रहे। जैसा कि कहा जाता है कि कोतवाली सलाम सिखा देती है सो आसाराम को ज्यादा दिन रहना पड़ा तो नींद-वींद सब आने लगेगी। पुलिस अपने ईमान पर कायम रही और इन नेताओं को आसाराम में अपने हित नहीं दिखे तो संशोधित आपराधिक कानून 2013 के अनुसार बहत्तर की इस उम्र में उन्हें दस साल की सजा हो सकती है। इस बीच सम्भव है कि उनके भक्तों की आंखों की रोशनी धीरे-धीरे लौट आए जो अंधश्रद्धा में कुछ नहीं देख पा रहे हैं।
आसाराम के हवाले से बीकानेर की एक बहुत पुरानी बात याद गई। चालीसेक साल पहले चौतीने कुएं के पास स्थित जगदीशजी मन्दिर के नीचे एक दुकान हुआ करती थी, दुकान तो क्या सेवा ही थी। वहां पर हिन्दू रीति से अन्तिम संस्कार का सामान मिला करता था। सूचना के लिए एक छोटा साइनबोर्ड भी उन्होंने लगा रखा था जिस पर लिखा थाबैकुंठधाम तीर्थयात्रा का सामान यहां मिलता है।शहर के मैग्जीन एजेन्ट आसाराम खत्री के पिता तब अकसर तीर्थयात्रा पर जाया करते थे-आसाराम खत्री ने साईनबोर्ड पढ़ा तो उनके किशोरमन ने पिता से पूछ लिया किजीसा आप इस तीर्थयात्रा पर कब जाओगेउनके पिता पहले तो मुस्कराए फिर हंस कर जवाब दिया कि इस यात्रा पर जाने का समय जब आता है तब जानेऔरबाद में जानेका विकल्प नहीं होता, समय आने पर वहां भी जाएंगे ही।
आसाराम के सन्दर्भ से उक्त वाकिया फिर याद हो आया। आसाराम ने जिसे अपना बैकुंठ कहा फिलहाल वे वहां पहुंच गये। गोस्वामी तुलसीदास ने कहा भी हैजाकी रही भावना जैसी, प्रभु मूरत तिन देखी तैसी।
3 सितम्बर, 2013
हवाई सेवा
खबर और उम्मीद दोनों है कि बीकानेर इस माह हवाई सेवा से जुड़ने को तैयार हो जायेगा। नाल हवाई अड्डे पर यात्री टर्मीनल उद्घाटन के लिए तैयार है, वांछित नेताओं ने समय दे दिया तो उद्घाटन हो जायेगा और यात्री भार कम होने की स्थिति से निपटने के लिए राज्य सरकार क्षतिपूर्ति की गारन्टी दे देगी तो कोई एयरलाइन अपनी सेवाएं भी शुरू कर देगी। विशिष्ट लोगों के लिए इस सुविधा की कमी एक अर्से से महसूस की जाती रही है। पैंतीस-चालीस साल पहले घरेलू वायु सेवा के लिएवायुदूतका गठन किया गया तब कुछ दिनों के लिए बीकानेर, दिल्ली वाया जयपुर जहाज उड़ने लगे थे। लेकिन समुचित यात्री भार के अभाव में यह सेवा बन्द हो गई थी, उम्मीद की जानी चाहिए कि वैसी नौबत अब नहीं आयेगी।
3 सितम्बर, 2013
महिलाओं के लिए जन-सुविधाएं
शहर में जन-सुविधाओं की बात जब तब होती रहती है। जब किसी मुखर को जरूरत होती है वह कुछेक को प्रेरित करके आवाज को बुलन्द करने की कोशिश करता है, कुछ सफल होते हैं और कुछ धाप जाते हैं।
शहर में अधिकांश ऐसे बाजार हैं जहां की अधिकांश खरीददार महिलाएं होती हैं और इनकी खरीददारी में घंटों लग जाते हैं। ऐसे किसी बाजार में लघुशंका निवृत्ति हेतु महिलाओं के लिए कोई सुविधा उपलब्ध नहीं है। जिन व्यापारिक संगठनों को अपने स्वार्थों के लिए आए दिन गिरोहों की भूमिका में देखा जाता रहा है, क्या उनका ध्यान इस और जायेगा? फिलहाल तो शहर को एक संवेदनशील महिला कलेक्टर भी मिली हुई है, हो सकता है वे बीड़ा उठाएं और महिलाओं के लिए इस तरह के सुविधा केन्द्र व्यस्ततम बाजारों में संभव करवा दें।

3 सितम्बर, 2013

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