वसुन्धरा आज इस शहर में है। उन्हें यह भी बताना चाहिए कि उनके राज में इस शहर की रेल फाटकों की समस्याओं से निजात दिलाने के लिए बनी एलीवेटेड रोड की योजना और उसके लिए आया बजट अचानक कैसे छूमंतर हो गया। क्या केवल इसलिए कि कुछ व्यापारियों के स्वार्थपूर्ण और नासमझी भरे विरोध को आपने भाव दिया या कोई और कारण था। शहर में तब दबे मुंह यह चर्चा भी हुई कि उस बजट को वसुन्धरा राजे को अपने क्षेत्र में लगाना था, इसलिए कुछ व्यापारियों के विरोध को बहाना बना कर शहर के लिए आवंटित बजट को अपने यहां ले गई। हां, सत्य यह भी कि कुछ व्यापारियों के विरोध को मान्यता देकर व्यापार उद्योग मण्डल ने भी शहर के सात लाख लोगों की परेशानी को तब नजरअंदाज कर दिया था। इस तरह के विरोधों को मात्र स्वार्थ प्रेरित ही कहा जा सकता है। परिणामस्वरूप शहर की जनता रेल फाटकों की इस समस्या को प्रतिदिन आज भी भुगतती है।
19 जून,
2013
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