Saturday, February 2, 2013

नई दमकलों के बहाने


नगर निगम, बीकानेर ने कल अपने अग्निशमन बेड़े में दो नई दमकलें शामिल की हैं। शहर में सामान्यतः आग की घटनाएं कम होती हैं, बिजली, एलपीजी सिलेण्डर तथा अन्य पैट्रोलियम पदार्थों के साथ लापरवाह बर्ताव से लगने वाली आग को छोड़ दें तो सुखद यह है कि बुरी नियत से की जाने वाली या दंगे फसाद में होने वाली आगजनी की घटनाएं हमारे यहां के बराबर हैं। फिर भी इस जिला एवं संभाग मुख्यालय पर सुप्रशिक्षित और जरूरी यंत्रों से सज्जित दमकल बेड़े की जरूरत है, क्योंकि शहर के अलावा इसके इर्द-गिर्द तीस किलोमीटर तक के जो ओद्योगिक क्षेत्र हैं या विकसित हो रहे हैं, वहां आगजनी की आशंकाएं बनी रहती हैं या बनी रहेंगी| खारा, नापासर, नाल तक की ओद्योगिक इकाइयां जरूरत पड़ने पर बीकानेर के दमकल बेड़े से ही उम्मीद करेंगी। बीकानेर के दमकल बेड़े में दमकल की गाड़ियां तो कई हैं, लेकिन देखा गया है कि जरूरत पड़ने पर एक-दो से ज्यादा सुचारु नहीं मिलती। कुछ नाकारा गाड़ियां भी खड़ी हैं, यदि वे काम नहीं सकती तो क्यों उन्हें सलटा दिया जाय। इसके अलावा भी स्थानीय निकाय जब बहुमंजिली इमारतों की इजाजत देने लगे हैं तो क्या दमकल गाड़ियां ही पर्याप्त होंगी बहुमंजिली इमारतों के हिसाब से भी ऊपर तक पहुंच वाले साधनों की व्यवस्था की जानी चाहिए।
बीकानेर के दमकल विभाग में गाड़ियों के रखरखाव और कर्मचारियों के जरूरी प्रशिक्षण का अभाव देखा गया है जरूरत है इसके लिए नये पद सृजित कर प्रशिक्षित कर्मचारियों और अधिकारियों की नियुक्ति की। हमारे यहां यह सामान्य है कि बहुत कुछ खोकर ही जागते हैं, क्यों हम अपनी तैयारियों को पूर्व में ही पुख्ता रखें।

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